खुशियाँ कम और अरमान बहुत हैं । जिसे भी देखो, परेशान बहुत है ।। करीब से देखा तो, निकला रेत का घर । मगर दूर से इसकी, शान बहुत है ।। कहते हैं सच क...
कर्मणयेवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि।।