My Faith in Humanity
कर्मणयेवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि।।
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Feb 27, 2012
पुष्प की अभिलाषा
Desire of a Flower
चाह नहीं मैं सुरबाला के
गहनों में गूथा जाऊँ !
चाह नहीं प्रेमी माला में
बिंध प्यारी को ललचाऊँ !!
चाह नहीं सम्राटों के
शव पर हे हरि डाला जाऊँ !
चाह नहीं देवों के सिर पर
चढूँ भाग्य पर इतराऊँ !!
मुझे तोड़ लेना बनमाली
उस पथ पर तुम देना फेंक !
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने
जिस पथ जाएँ वीर अनेक !!
पं. माखनलाल चतुर्वेदी
*** भारत माँ के वीर सपूत ***
Saans Hai Jab Talak Na Rukenge Kadam.
Chal Pade Hain To Manzil Ko Pa Jayenge...
Jaan
Pyaari Nahin Hai Watan Se Hume...
Marte Marte Sabhi Ko Bata Jaayenge.............
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