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Showing posts from February, 2012

पुष्प की अभिलाषा

Desire of a Flower चाह नहीं मैं सुरबाला के गहनों में गूथा जाऊँ ! चाह नहीं प्रेमी माला में बिंध प्यारी को ललचाऊँ !! चाह नहीं सम्राटों के शव पर हे हरि डाला जाऊँ ! चाह नहीं देवों के सिर पर चढूँ भाग्य पर इतराऊँ !! मुझे तोड़ लेना बनमाली उस पथ पर तुम देना फेंक ! मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाएँ वीर अनेक !!   पं. माखनलाल चतुर्वेदी

*** भारत माँ के वीर सपूत ***

Saans Hai Jab Talak Na Rukenge Kadam.   Chal Pade Hain To Manzil Ko Pa Jayenge...  Jaan  Pyaari Nahin Hai Watan Se Hume...        Marte Marte Sabhi Ko Bata Jaayenge.............