तुझे देखा जब मे पहली बार....
होठो पे कोई लब्ज नही बस मेरे आँखो के प्याले छलकने लगे.....
आख़िर ये क्या था, मैं जो समझ ना सका....
सायद तुम समझ चुकी हो तो बता दो ना....
तुझे देखा जब मैं पहली बार....
साँसे रुक सी गई.दिल थम सा गया..
ये जिंदगी की कशमकस मे, मैं तो बहुत कुछ भूल चुका हू....
मगर तुम्हे तो याद होगा आख़िर हमारा पुराना रिस्ता क्या है,
सायद तुम समझ चुकी हो तो बता दो ना....
जय श्री हरी. .
15 Sept, 2016, 12.18 AM
No comments:
Post a Comment